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The Mahavidyas certainly are a profound expression with the divine feminine, Each and every symbolizing a cosmic perform along with a path to spiritual enlightenment.
षट्कोणान्तःस्थितां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥६॥
Matabari Temple is really a sacred put exactly where people from unique religions and cultures Get and worship.
संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥८॥
सा मे मोहान्धकारं बहुभवजनितं नाशयत्वादिमाता ॥९॥
कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —
लक्षं जस्वापि यस्या मनुवरमणिमासिद्धिमन्तो महान्तः
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
श्वेतपद्मासनारूढां शुद्धस्फटिकसन्निभाम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥५॥
Disregarding all warning, she went into the ceremony and located her father had started the ceremony devoid of her.
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में
Chanting this mantra more info is considered to invoke the combined energies and blessings in the goddesses related to Every single Bija mantra. It can be utilized for different applications like attracting abundance, trying to find awareness, invoking divine femininity, and fostering spiritual growth and transformation.